India-Russia News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज गुरुवार को नई दिल्ली में रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से अहम मुलाकात करेंगे। यह बैठक भारत और रूस के बीच बढ़ते रक्षा और रणनीतिक सहयोग के बीच हो रही है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ आने वाले प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव भी भारत आए हैं। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बेलौसोव के बीच शाम 5 बजे साउथ ब्लॉक में एक अहम मुलाकात होगी। राजनाथ और बेलौसोव की इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर उच्च-स्तरीय चर्ता होगी। इसमें वायु रक्षा, सैन्य तकनीकी सहयोग और भविष्य की संयुक्त परियोजनाओं पर विस्तार से विमर्श किया जाएगा। भारत एस-400 एयर डिफेंस प्रणाली की और खेप खरीदने का इच्छुक है।
मई में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 ने सैंकड़ों किलोमीटर अंदर पाकिस्तान के कई लड़ाकू विमानों को मार गिराया। इससे एस-400 देश की एकीकृत एयर डिफेंस संरचना की रीढ़ बनकर उभरा। यह देखते हुए भारत और एस-400 खरीदना चाहता है। तेजी से बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल में भारत के लिए वायु रक्षा प्रणाली बेहतर करना काफी जरूरी भी है।
एजेंडे में एस-400
बैठक का सबसे अहम पहलू एस-400 एयर डिफेंस प्रणाली होगा। भारत ने 2018 में रूस से पांच एस-400 रेजिमेंट का सौदा किया था। इनमें से तीन रेजिमेंट भारत के पास हैं। शेष दो 2026 तक मिलने की संभावना है। राजनाथ और बेलौसोव के बीच शेष खेप की समय सीमा पर बात होगी। साथ ही मेक इन इंडिया के तहत संयुक्त रक्षा उत्पादन, भविष्य की उन्नत प्रणालियों पर सहयोग और लंबी अवधि के सामरिक सहयोग पर भी बातचीत होगी। इसके अतिरिक्त भारत रूस से पांच एस-400 प्रणालियां और खरीदने का इच्छुक है। पुतिन की यात्रा में इस सौदे पर मुहर लग सकती है। एस-400 प्रणाली में उपयोग की जाने वाली मिसाइलों के स्वदेशी निर्माण पर भी बात बन सकती है।
एस-500 से बदल जाएगी तस्वीर
दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच एस-400 के उन्नत संस्करण एस-500 की खरीद पर भी चर्चा होने की संभावना है। रूसी उप-प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव ने दुबई एयरशो में कहा था कि रूस एस-400 का संचालन करने वाले रणनीतिक साझेदार देशों के साथ एस-500 पर भी वार्ता कर सकता है। यह संकेत भारत की ओर था।
एस-500 हाइपरसोनिक मिसाइलों और बाहरी अंतरिक्ष में स्थित लक्ष्यों पर भी निशाना साध सकता है। यह चीन की बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ भारत की क्षमता को बढ़ाएगा। लिहाजा चीन के लिए भारत के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई बेहद जोखिम भरी हो जाएगी। पाकिस्तान की अधिकांश मिसाइलें भी एस-500 के दायरे में आ जाएंगी। भारत के पास आकाश, एमआर-सैम, एस-400 और एस-500 के साथ दुनिया की बेहतरीन बहु-स्तरीय वायु रक्षा ढाल होगी।


